पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आजादी मार्च का नेतृत्व कर रहे मौलाना फजलुर रहमान को रोकने के लिए एक महिला ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
मिली जानकारी के अनुसार, महिला ने शिकायत में मौलाना पर प्रधानमंत्री, सरकारी संस्थानों के खिलाफ लोगों को भड़काने आरोप लगाते हुए कहा कि मौलाना और उनके समर्थक अशांति फैलाने और देशद्रोह के दोषी हैं। इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाए। मौलाना ने इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए मोहलत दी थी।
इमरान के खिलाफ जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम फज्ल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना रहमान और उनके हजारों समर्थक इस्लामाबाद में डटे हुए हैं। वे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आम चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए मौलाना ने इमरान को 48 घंटे में इस्तीफा देने के लिए समय दिया था। जिसे उन्होंने 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया था।
विपक्षी दलों पीपीपी और पीएमएल (एन) के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सरकार विरोधी मार्च को समर्थन दे रहे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री को घेरते हुए इमरान सरकार को अवैध करार दिया।
उन्होंने कहा कि इस विरोध मार्च को हमारी पार्टी समर्थन देती रहेगी। हम प्रधानमंत्री से इस्तीफे मांग करते हैं। जेयूआई-एफ के नेता सलाउद्दीन अयूबी ने कहा कि इमरान को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। मौलाना के इस विरोध मार्च को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल (एन) का भी समर्थन हासिल है।