घर का कर्ज, बहन की शादी तथा दूसरे बहन की बीमारी की चिन्ता जब 27 साल की उम्र में महफूज अली को सताने लगी तो खेत गिरवी रखकर तथा कुछ रिश्तेदारों से कर्ज लेकर नौकरी करने के लिए सऊदी चला गया, परंतु महफूज अली का सपना पूरा नहीं हो पाया। किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बीते 8 दिसंबर 2019 को सऊदी में ही उसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। जब सऊदी से भाई का शव आया तो दोनों बहनों का रो रोकर बुरा हाल था।
मामला गोरखपुर में पिपराइच थाना क्षेत्र के अमवा गांव का है | गांव निवासी महफूज अली पुत्र सत्तार की बहन, नसीमा खातून की बीमारी के ईलाज तथा दूसरी बहन रोजिना खातून के शादी के खातिर, सन 2014 में सऊदी के अलबसर शहर मे बिजली का कार्य करने के लिए गया, उसे क्या मालूम था कि खुदा को कुछ और ही मंजूर है। बीती 8 दिसंबर 2019 को अनहोनी हुई और महफूल अली की सऊदी में ही हुई एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
महफूज के पिता सत्तार अली ने बताया कि महफूज ने बचपन में से लेकर आठवीं कक्षा तक शिक्षा अपने नैनिहाल में ग्रहण की थी। घर की हालात ठीक ना होने के कारण महफूज ने इलेक्ट्रिशियन का काम सीखा। 26 मार्च 2014 को महफूज पहली बार सऊदी गया। 3 साल रहने के बाद एक बहन की शादी तथा दूसरे बहन के इलाज की व्यवस्था की। साथ ही कुछ कर्ज भी चुकता किया।
2017 में महफूज अली घर आया तो बिहार प्रांत के सिवान जिले में इस्लाम अली की पुत्री अमीन मरहूम से उसका निकाह हुआ।
शादी के 3 महीने बाद महफूज अली फिर सऊदी के लिए रवाना हो गया | 23 अप्रैल 2019 को महफूज के घर बच्ची का जन्म हुआ, जिसका नाम सनाया महफूज रखा गया। बच्ची के जन्म के कुछ ही महीने बाद, 8 दिसंबर 2019 को महफूज अली क्वार्टर से अपने सहयोगियों के साथ कंपनी में काम करने जा रहा था तो अलवर शहर में ही पीछे से भारी वाहन ने टक्कर मार दी, जिसमें महफूज समेत इन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और बाकी 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
सत्तार अली ने बताया कि सऊदी से महफूज का शव हवाई जहाज से लखनऊ लाया गया। उसके बाद निजी साधन से उसे अमवा लाना पड़ा। शव के साथ कुछ अनुदान राशि थी या नहीं, इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। जब गाव में महफूज का शव पहुंचा तो पूरे गांव में कोहराम मच गया। पत्नी और मां का रो रो कर बुरा हाल था। महफूज की एक बहन नसीमा खातून की बीमारी के कारण एक साल पहले ही मौत हो गई थी। दूसरी बहन रोजिना खातून की शादी गोरखपुर जिला के खजनी इलाके में हुई है। छोटा भाई समीर अली दसवीं कक्षा में पड़ता है।