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शिवसेना ने मोदी सरकार को दिया सुझाव, ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ को सबक सिखाने का ये है सही तरीका…




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मोदी सरकार के लिए शिवसेना के पास एक सुझाव है कि कैसे देश को बांटने की हसरत रखने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग को सबक सिखाना चाहिए। सोमवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय प्रकाशित किया गया है। इसके अनुसार सरकार को देश के बंटवारे की बात करने वाले को कड़ा तमाचा जड़ना चाहिए।

सामना में लिखा, ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ पर उनका गुस्सा है। देश के टुकड़े करने के संदर्भ में घोषणाबाजी करनेवालों के विरोध में जवाबी घोषणाबाजी करने की बजाय ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के कान के नीचे अखंड हिंदुस्तान के नक्शे का जाल उभारना चाहिए और इसी को हम देशभक्ति कहते हैं। जनरल नरवाने ने इसी दिशा में कदम बढ़ाने के लिए केंद्र से आदेश मांगा है।’

संपादकीय में आगे लिखा, ‘हिंदुस्तानी फौज संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए कटिबद्ध है। न्याय, स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व आदि तत्वों की रक्षा के लिए हमारी सेना कटिबद्ध है। नैतिकता, नियम व संकेत का पालन करना हमारी फौज का कर्तव्य ही है। पाकिस्तानी फौज की तरह घुसपैठ करना हमारी फौज का पुरुषार्थ नहीं है। देश की संसद द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव को अमल में लाने का आदेश सेना प्रमुख ने मांगा है। केंद्र सरकार को अब पीछे नहीं हटना चाहिए। ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ को सबक सिखाने का यही उत्तम मार्ग है!’

शिवसेना की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ उनकी सरकार है। कांग्रेस ने सीएए के खिलाफ और फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शनकारी छात्रों को अपना समर्थन जताया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने जनरल नरवाने को बातें कम काम ज्यादा करने की सलाह दी है। हालांकि शिवसेना आर्मी चीफ के समर्थन में दिखाई दे रही है।

सामना में लिखा है, ‘जनरल नरवाने कहते हैं कि संसद ने ही फरवरी, 1994 और उससे पहले ऐसा प्रस्ताव पास किया है कि पाक अधिकृत कश्मीर सहित संपूर्ण जम्मू-कश्मीर हिंदुस्तान का अविभाज्य अंग है इसलिए पाकिस्तान को कश्मीर पर से अवैध कब्जा छोड़ देना चाहिए। संसद का ही ऐसा प्रस्ताव होने के कारण केंद्र यदि आदेश दे तो सेना को भेजकर पाकिस्तानियों की कमर तोड़ देंगे और संपूर्ण कश्मीर कब्जे में ले लेंगे, ऐसा उनका कहना है। जनरल नरवाने केंद्र से सैन्य कार्रवाई का आदेश मांग रहे हैं तथा प्रधानमंत्री मोदी ऐसा आदेश दें, यही देश की भावना है।