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कांग्रेस-बीजेपी में राज्यसभा सीटों के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट, प्रदेश में ये नाम चल रहे आगे…




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17 राज्यों की 55 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव तारीखों का ऐलान हो गया। 26 मार्च होने वाले चुनाव में मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर भी वोटिंग होगी। तारीखें आने के बाद बीजेपी-कांग्रेस से राज्यसभा की रेस में शामिल दावेदारों ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. बीजेपी की तुलना में कांग्रेस में घमासान ज्यादा है। अब तक सिंधिया समर्थकों की मांग से परेशान कांग्रेस की मुश्किलें जयस ने राज्यसभा की टिकट मांग कर और बढ़ा दी है।

मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होने जा रहा है। संख्याबल के हिसाब से तीन में से एक-एक सीट बीजेपी और कांग्रेस को मिलनी तय है। जबकि तीसरी सीट पर निर्दलीयों की भूमिका अहम होगी. कांग्रेस से मौजूदा सांसद दिग्विजय सिंह का दोबारा राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। लेकिन एक खेमा ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने के पक्ष में है।

इसी बीच प्रियंका गांधी के नाम की भी चर्चा है। अगर प्रियंका गांधी का नाम मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए फाइनल होता है, तो सिंधिया और दिग्विजय सिंह में से एक का पत्ता कटना तय है। चुनाव तारीख के ऐलान के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जहां सिंधिया को राज्यसभा की पैरवी की है। वहीं जयस के संरक्षक हीरालाल अलावा ने आदिवासी नेता को राज्यसभा भेजने की मांग कर कांग्रेस हाईकमान की मुश्किलें बढ़ा दी है।

दिग्विजय और सिंधिया के अलावा भी कांग्रेस में दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है। अरुण यादव, अजय सिंह, शोभा ओझा सरीखे तमाम दिग्गजों की नज़र राज्यसभा पर है। ऐसे में हाईकमान के सामने उम्मीदवार तय करना इतना आसान नहीं होगा। दूसरी ओर बीजेपी में प्रभात झा दोबारा राज्यसभा जाने के इंतजार में हैं। हालांकि पार्टी इस बार आदिवासी नेता पर भी दांव खेल सकती है। दरअसल बीजेपी ट्राइबल कार्ड खेलकर आदिवासी सीटों में मिली हार की भरपाई करना चाहती है। बीजेपी से दूसरे दावेदारों की बात करें तो राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व महाधिवक्ता रविनंदन सिंह का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा एक बार राज्यसभा चुनाव लड़ चुके विनोद गोंटिया भी कतार में हैं। चंबल से अनुसूचित जाति कोटे से लालसिंह आर्य को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है…हालांकि बीजेपी नेताओ का कहना है कि आलाकमान जो तय करेगा वो पार्टी के हर नेता को मंजूर होगा।

मध्यप्रदेश से 3 राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है। राज्यसभा सदस्य के लिए 58 विधायकों के वोट की जरूरत पड़ती है। यानी एक-एक सीट पर तो कांग्रेस और बीजेपी के पास पर्याप्त विधायकों की संख्या है। लेकिन तीसरी सीट पर संघर्ष की स्थिति है। जाहिर है तीनों सीट पर दावेदारों की लंबी कतार है ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पार्टी हाईकमान नाराज़गी से बचने के लिए किसी बाहरी उम्मीदवार को मौका दे सकता है।