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मुस्लिम हो रहे दूर… अब्बास सिद्दकी को कहा ‘शैतान’, ममता को महसूस हुआ सत्ता खोने का डर!




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विश्व गौरव/हिमांशु तिवारी, कोलकाता
एक ओर जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार विधानसभा चुनाव में हिंदू वोटबैंक साधने की कोशिश में जुटी हैं, वहीं दूसरी ओर ममता के बयान लगातार ये जाहिर कर रहे हैं कि वो अपने पारंपरिक वोट बैंक को लेकर भी खासा परेशान हैं। दो चरणों की वोटिंग के बाद जिस तरह से ममता की भाषा शैली बदली है, उसने साफ कर दिया है कि ममता के मन में हार के खतरे ने गहरी पैठ बना ली है।

दो चरणों की वोटिंग से पहले जहां ममता ने हिंदू वोटबैंक को साधने के लिए पहले चंडी पाठ किया… फिर गोत्र बताया… वहीं अब ममता का रुख कुछ बदला सा लग रहा है। ममता के हाव भाव और बयानों को देखकर साफ पता लगा रहा है कि उन्हें इस बात का अहसास हो गया है कि उनका हिंदू कार्ड फेल हो गया है। और शायद यही वजह है कि ममता को दो चरणों की वोटिंग के बाद वापस अपने तथाकथित पारंपरिक वोटबैंक की ओर लौटना पड़ा है।

अब्बास को ममता ने कहा ‘शैतान’
ममता ने दो चरणों की वोटिंग के बाद जिस तरह से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के साथ ISF के नेता अब्बास सिद्दकी पर भी जमकर हमला बोला। रायदीघी में टीएमसी अध्यक्ष ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि ‘मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वो ‘शैतान’ जो बीजेपी के पैसे से लड़ रहा है, उसकी बात न सुनें।’ उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति जो हैदराबाद से आया है और ‘फुरफुरा शरीफ के एक जवान लड़के’ को वोट न दें। आखिर ममता क्यों अब मुस्लिमों को एकजुट होकर टीएमसी को वोट देने को कह रही हैं, इसकी कुछ खास वजहें हैं।

ममता को लगा डर!
दरअसल 10 सालों तक ममता को मुस्लिमों के साथ-साथ हिंदुओं का भी समर्थन प्राप्त था। लेकिन इस साल के चुनाव से पहले ममता अंदाजा हो गया कि उनके हिस्से से बड़ी संख्या में हिंदू वोट खिसककर बीजेपी के खेमे में जा सकता है। यही वजह है कि उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता चुना और ‘चंडी पाठ’, शांडिल्य गोत्र के साथ-साथ और भी कई तरह की बातें करने लगीं।

इसलिए अब्बास और ओवैसी पर भड़कीं ममता
वहीं दो चरण की वोटिंग के बाद ममता को समझ में आया कि उनके सॉफ्ट हिंदुत्व वाली छवि से उनका नुकसान ही हो रहा है। उनकी इस छवि से उनके परंपरागत वोट (अल्पसंख्यक वोट) में भी सेंध लग रही है। ममता से जुड़े जूत्रों की मानें तो ममता के बयानों के सहारे मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाने का काम असदुद्दीन ओवैसी और अब्बास सिद्दकी कर रहे हैं। इसके अलावा उनके बयानों से हिंदू वोट भी उनपर भरोसा नहीं जता रहा है। इसी की वजह से आखिरकार ममता को वापस अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने के लिए ओवैसी और अब्बास सिद्दकी पर हमला बोलना पड़ा। ममता ने इन दोनों को बीजेपी का एजेंट बताते हुए मुस्लिमों को एकजुट होकर टीएमसी के लिए वोट करने की अपील की है।