छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को रायपुर कलेक्टर से मुलाकात की। सभी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बसों का किराया बढ़ाए जाने को लेकर सरकार का ध्यान इस ओर करें। ज्ञापन लिखा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार डीजल के दामों में की जाने वाली बढ़ोतरी की वजह से बस संचालन करना अब मुश्किल हो रहा है। राज्य के 1 लाख 8 हजार बस संचालकों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि अब वह भूखे मरने को मजबूर हो चुके हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार डीजल के दाम बढ़ाने से और कोरोना, लॉकडाउन की वजह से पिछले 16 महीने से बसों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है। बस संचालकों ने बताया है कि मध्य प्रदेश राज्य में साल 2018 में 10% किराया बढ़ाया गया था उस समय छत्तीसगढ़ में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। मई महीने में साल 2021 में मध्य प्रदेश में 25% किराया और बढ़ाया जा चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ में यात्री किराया बढ़ाने को लेकर कोई भी फैसला नहीं नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने मांग की है कि प्रदेश में 40% यात्री किराया बढ़ाया जाए ताकि बसों के संचालन के लिए खर्च निकालना मुमकिन हो सके।
इस कानून को भी खत्म करने की मांग
यातायात महासंघ के अनवर अली ने दैनिक भास्कर को बताया कि राज्य सरकार ने साल 2009 में एक ऐसा कानून भी लागू किया था जिसमें यदि बसें खड़ी हुई हैं उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा तो भी उसका टैक्स हमें सरकार को देना पड़ता है। ऐसे में हम चाहते हैं कि इस कानून को खत्म किया जाए क्योंकि इस वजह से बड़ा नुकसान हमें झेलना पड़ता है।
अब आगे क्या करेंगे बस संचालक
- शुक्रवार को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद अब बस संचालकों ने ऐलान किया है कि अगर इनकी मांगे मानी नहीं जाती है तो 8 जुलाई को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में बसों की बारात निकालकर फिर से ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर, क्लीनर जिला कलेक्टरों को जाकर ज्ञापन देंगे।
- अगर इसके बाद भी मांगे नहीं मानी गई तो 12 जुलाई को रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर प्रदेश के सभी बस संचालक अपने पूरे परिवार के साथ इकट्ठा होकर महा धरना देंगे ।
- 13 जुलाई को बस संचालकों ने अनिश्चितकाल के लिए बसों की सेवा बंद करने का फैसला लिया है।
- 14 जुलाई को यह सभी दोपहर 3:00 बजे खारून नदी पर जाकर जल समाधि लेंगे यह भी कहा गया है कि अगर इस दौरान कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदार केंद्र और राज्य की सरकार होगी।