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हम ऐसी खबरों पर नज़र रखते हैं : पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में चीन के दूसरे पुल की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कहा




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पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) के पास चीन द्वारा दूसरा पुल बनाने की खबरों पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि खबरों के अनुसार जिस स्थान पर चीन द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह क्षेत्र दशकों से उसके कब्जे में है और भारत ऐसे घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा मार्च में की गई टिप्पणी का भी संदर्भ दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अप्रैल 2020 से चीन द्वारा सीमा पर तैनाती बढ़ाने के बाद से पैदा ‘तनाव और संघर्ष’ सामान्य संबंधों के माध्यम से दूर नहीं हो सकता है.

अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमने पुल से जुड़ी खबरें देखी हैं. यह सेना से जुड़ा मुद्दा है…हम इसे (चीन के) कब्जे वाला क्षेत्र मानते हैं. रक्षा मंत्रालय इस संबंध में विस्तार से टिप्पणी कर सकेगा. जिस क्षेत्र की बात हो रही है… हमें हमेशा लगा कि वह (चीन के) कब्जे वाला क्षेत्र है और हमें दशकों से उसके वापस मिलने की आशा है. हम इन घटनाक्रमों पर नजर रखते हैं.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि पैंगोंग त्सो क्षेत्र में दूसरे पुल का निर्माण किया जा रहा है या फिर पहले पुल में ही विस्तार किया जा रहा है.

यह क्षेत्र पिछले 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है
जनवरी में जब चीन द्वारा पैंगोंग त्सो क्षेत्र में पहले पुल के निर्माण की खबर आई थी तो भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह क्षेत्र पिछले 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है. उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों और सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, नया पुल दूसरे पुल के सामने बनाया जा रहा है. अरिंदम बागची ने बताया कि एस. जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को मार्च में उनकी नई दिल्ली यात्रा के दौरान इस सैन्य गतिरोध पर उन्हें भारत के रुख से अवगत कराया था. उन्होंने कहा, ‘आपको भी पता है कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी इस साल मार्च में यहां आए थे और हमारे विदेश मंत्री ने उन्हें भारत की आकांक्षाओं से अवगत कराया था.’

चीन से राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता जारी रहेगी
अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है और आगे भी यह जारी रहेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बाद में मीडिया से कहा था कि अप्रैल 2020 में चीनी पक्ष द्वारा तैनाती के कारण उत्पन्न तनाव एवं संघर्ष के बीच दोनों देशों में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती. बागची ने कहा, ‘इसलिये हम चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर संवाद जारी रखेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों मंत्रियों के निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन हो.’ सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि चीनी पक्ष द्वारा पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग त्सो झील के पास दूसरा पुल बनाया जा रहा है.