भारतीय डाक विभाग ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अपने पायलट परियोजना के तहत पहली बार ड्रोन से डाक पहुंचाया. डाक विभाग ने इसका ट्रायल गुजरात के कच्छ में किया.
भारत में ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल अब लगातार बढ़ते जा रहा है. ड्रोन का इस्तेमाल भारत (India) के हर क्षेत्र में हो रहा है. इसी बीच ड्रोन का इस्तेमाल अब डाक विभाग (Postal Department) द्वारा भी करना शुरू हो गया है. भारतीय डाक विभाग ने पहली बार पायलट परियोजना के अनुसार ड्रोन का इस्तेमाल कर डाक पहुंचाने का काम किया है. डाक विभाग द्वारा यह पहला पोस्ट गुजरात के कच्छ में भेजा गया है.
25 मिनट में तय हुई 46 किमी की दूरी
भारतीय डाक विभाग द्वारा पहली बार गुजरात के कच्छ में ड्रोन से भेजे गए इस डाक को पहुंचने में करीब 25 मिनट का वक्त लगा. इस 25 मिनट में ड्रोन ने 46 किमी की दूरी तय की. इस डाक को पहुंचाने के लिए जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था उसे गुरुग्राम के स्टार्टअप टेकईगल ने बनाया था. भारतीय डाक विभाग के ओर से बताया गया कि इस तरह के काम के लिए यह पहली उड़ान थी.
आपको बता दें कि टेकईगल ने पिछले महीने देश की सबसे तेज गति की हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) सर्विस ‘वर्टिप्लेन एक्स3’ शुरू की थी. इसकी रेंज 100 किलोमीटर है और यह तीन किलोग्राम वजन तक का पार्सल ले जा सकता है. वहीं यह अधिकतम 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. टेकगईल के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विक्रम सिंह मीणा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 27 मई को कंपनी के वार्टिप्लेन एक्स 3 ने भुज के हाबे गां से डाक कच्चे जिले के नेर गांव में पहुंचाई थी. उन्होंने बताया कि यह एक उड़ान में सबसे लंबी ड्रोन डिलीवरी रही है जो भरतीय डाक विभाग द्वारा भेजी गई है.