महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है. इससे पहले उन्होंने फेसबुक लाइव के माध्यम महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मुझे अपने पद से इस्तीफा देने का कोई दुख नहीं है क्योंकि मैं यहां आया भी अनापेक्षित रूप से ही था. मैं यहीं रहूंगा और शिवसेना भवन में फिर जा कर बैठूंगा, अपने सभी लोगों को एकत्र करूंगा. उद्धव ठाकरे के भाषण के प्रमुख 10 बिंदुओं के यहां समझें…
जो भी बागी विधायक मुंबई आ रहे हैं, उन्हें आने से रोका न जाए.
मैं विधान परिषद से भी इस्तीफा दे रहा हूं.
मैं कहीं जा नहीं रहा हूं. मैं यहीं रहूंगा और शिवसेना भवन में फिर जा कर बैठूंगा.
फेरीवाले,दारू की भट्टी चलाने वाले,ऑटो चलाने वाले और टपरी वालो को बालासाहेब ने पद दिया. मंत्रिपद दिया. नगरसेवक, विधायक, सांसद बनाया लेकिन आज इन्ही लोगो ने शिवसेना प्रमुख को धोखा दिया.
जागृत युवा युवतियों को जोड़कर पूरे महाराष्ट्र में शिवसेना को मजबूत करूंगा.
कोरोना काल में महाराष्ट्र को बचाया. दंगा नही होने दिया. राज्य को वित्तीय रूप से मजबूत बनाया.
बागी विधायकों को मेरी शुभकामनाएं. मंत्री बने. नए दोस्त बनाएं.
बालासाहेब का सपना पूरा किया. हमें उसका गर्व है. औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर किया,उस्मानाबाद का नाम धाराशिव जिला किया. ये निर्णय लेते वक्त शिवसेना के कैबिनेट में सिर्फ 4 मंत्री थे और हमारे बाकी मंत्री विरोधियों के खेमे में चले गए. जिन्हें खुशी मनानी चाहिए वो हमारी इस खुशी में शामिल नही थे.
NCP और कांग्रेस के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मेरा साथ दिया.
आज कैबिनेट समाप्त होने के बाद अशोक चव्हाण ने मुझे कहा कि हम आपके साथ हैं. अगर इसलिए दिक्कत हो रही है तो हम महा विकास आघाडी के बाहर जाते हैं और आप को बाहर से समर्थन देते हैं लेकिन मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं होता.