पसौढ़ा गांव के किसान अजय सिंह के खेतों की ट्रैक्टर से जुताई की जा रही थी। चालक रफ्तार में अभी खेत जोत ही रहा था कि हल में बोरा फंस कर फट गया। देखते ही देखते 500 और 1000 के पुराने नोट खेत में बिखर गए। खेत मे नोटों को बिखरा देख चालक की आंखे फटी की फटी रह गई।
पालीगंज: बिहार के पालीगंज में खेत की जुताई के दौरान बोरा भरकर रुपये मिलने का मामला सामने आया है। खेत में पुराने 500 और 1 हजार रुपये के नोट थे। जैसे ही ग्रामीणों को खेत में रुपये मिलने की खबर मिली भीड़ खेत की ओर दौड़ पड़ी। खेत में बिखरे रुपये चुनने की होड़ मच गई। होड़ भी ऐसी की किसी ने यह तक नहीं देखा कि रुपए नोटबन्दी के पहले वाले हैं या बाद के। देखते ही देखते एक-एक नोट गायब हो गया। बचे तो सिर्फ फटे हुए कुछ नोट। पूरा वाकया सिगोड़ी थाने के पसौढ़ा गांव का है। मानसून के प्रवेश करते ही इलाके में खेती किसानी का काम शुरू हो चुका है। किसान धान की खेती के लिए अपने अपने खेतों को तैयार करने में लगे हैं। खेतों की जुताई चल रही है। पसौढ़ा गांव के किसान भी शिद्दत से खेतों की जुताई करने में जुटे हैं। सोमवार को पसौढ़ा गांव के किसान अजय सिंह के खेतों की ट्रैक्टर से जुताई की जा रही थी। चालक रफ्तार में अभी खेत जोत ही रहा था कि हल में बोरा फंस कर फट गया। देखते ही देखते 500 और 1000 के पुराने नोट खेत में बिखर गए। खेत मे नोटों को बिखरा देख चालक की आंखे फटी की फटी रह गई। उसने ट्रैक्टर को रोक दिया और खेत में बिखरे पड़े नोटों को समेटने लगा। लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि नोट पुराने हैं और अब उपयोगी नहीं है तब उसने यह खबर गांव वालों को दे दी।
हल में फंसकर फट गया बोरा, खेत में बिखर गए नोट
खेत में रुपयों से भरा बोरा होने की खबर मिलते ही हुजूम उमड़ पड़ा। देखते ही देखते लोग एक-एक नोट को ले उड़े। चालक सह पंचायत समिति सदस्य ने वाक्ये के बारे में बताया कि वह खेत में जैसे ही ट्रैक्टर को लेकर गया और जुताई करने लगा, तभी अचानक हल में एक बोरा फंस गया। जबतक वह ट्रैक्टर को रोकता तबतक रुपये खेत में फैल चुके थे। उसने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। सूचना मिलते ही ग्रामीण खेत की ओर दौड़ पड़े और रुपये लूटने में जुट गए। चालक के अनुसार, जिसको जितना मिला व ले गया। उधर ग्रामीणों ने चालक की ‘ग्रामीणों द्वारा पैसा लूटने’ की बात को निराधार बताया और कहा कि खेत के एक कोने में बोरा भर 500 और हजार के नोट जरूर मिले हैं लेकिन कुछ को छोड़ अधिकतर रुपए चालक ने ही छिपा दिया है।