नागपंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष-पापों का नाश हो जाता है। इस बार नागपंचमी कई शुभ योग साथ लेकर आई है, जिसमें 30 साल बाद बहेद खास शिवयोग बन रहा है।
नाग पंचमी श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन नागदेव की पूजा की जाती है। वहीं भगवान शिव के प्रिय माह में उनके गले की शोभा बढ़ाने वाले आभूषण नाग देव की पूजा करने से कई विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार नाग पंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष व पापों का भी नाश हो जाता है। वहीं इस बार नाग पंचमी पर मंगलवार को 30 साल बाद शिव योग बन रहा है। नाग पंचमी 2 अगस्त दिन मंगलवार यानि आज मनाई जा रही है। ज्योतिषाचार्य शिवशरण पाराशर ने बताया कि कालसर्प दोष का निवारण के लिए नाग देवता और भगवान शिव की एक साथ पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव का दूध, दही, शहद, जल से अभिषेक करना श्रेष्ठ रहेगा।
बन रहे ये योग
ज्योतिषाचार्य शिवशरण पाराशर ने बताया कि नाग पंचमी पर शिव योग के अलावा सिद्ध योग, शश योग भी बन रहे हैं। इन योगों में की गई पूजा का कई गुना पुण्यफल बढ़ जाएगा।
इन राशियों की चमकेगी किस्मत
उन्होंने बताया कि गुरु की दशा बदलने के कारण नाग पंचमी से राशियां भी प्रभावित होंगी। मेष, मिथुन, सिंह, तुला राशि वालों को निवेश में लाभ मिलेगा। वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर, मीन राशि वालों के शिव की पूजा बिगडे़ कामों को बना देगी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को सुबह 5.15 बजे से बुधवार सुबह 5.40 बजे तक नाग पंचमी की तिथि रहेगी।
नाग पंचमी का महत्व
– पौराणिक काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता है। इस कारण से नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा का महत्व काफी है।
– ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर व्यक्ति को सांप के डसने का भय समाप्त हो जाता है।
– नाग पंचमी क दिन नागदेवता की पूजा और दूध पिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
– नाग देवता भगवान शिव की गले की शोभा बढ़ाते हैं। भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते हैं।