Som Pradosh Vrat 2022: मार्गशीर्ष माह का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है. जानते हैं सोम प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.
हाइलाइट्स
हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.
सोम प्रदोष व्रत रखने और शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
Som Pradosh Vrat 2022: मार्गशीर्ष माह का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. यह सोमवार दिन को होने के कारण सोम प्रदोष व्रत है. इस माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष भी सोम प्रदोष व्रत ही था. अक्सर देखा जाता है कि किसी भी हिंदी माह का पहला पहला प्रदोष व्रत जिस दिन को होता है, उसका दूसरा प्रदोष व्रत भी उस दिन ही पड़ता है. जैसे पहला प्रदोष सोम को है तो दूसरा प्रदोष व्रत भी सोम को ही होगा. प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है. सोम प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.
सोम प्रदोष व्रत 2022
पंचांग के अनुसार, 05 दिसंबर दिन सोमवार को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि लग रही है. यह तिथि अगले दिन 06 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक मान्य है. इस व्रत में शाम की पूजा का मुहूर्त देखते हैं. इस आधार पर सोम प्रदोष व्रत 05 दिसंबर को रखा जाएगा.
सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त 2022
सोम प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा के लिए दो घंटे 43 मिनट का शुभ मुहूर्त है. इस दिन आप शाम को 05 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. यह शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त है. इस दिन अभिजित मुहूर्त या शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक है.
त्रयोदशी पर परिघ और शिव योग
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर परिघ और शिव योग बन रहे हैं. परिघ योग सुबह से लेकर अगले दिन 06 दिसंबर को तड़के 03 बजकर 08 मिनट तक है. उसके बाद से शिव योग प्रारंभ हो जाएगा. सोम प्रदोष व्रत का पूजन परिघ योग में और पारण शिव योग में होगा.
सोम प्रदोष पर शिववास
सोम प्रदोष व्रत के दिन शिववास का भी संयोग बना है. जो लोग इस दिन रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं, वे करा सकते हैं. इस दिन शिवास पूरे दिन है, जो अगले दिन 06 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.