मुंगेली मुंगेली स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के चलते पूरे नगर में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टरो द्वारा अवैध क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है आपको बता दें कि पर्दे की आड़ में जिस प्रकार झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है स्वास्थ्य विभाग के कहीं ना कहीं संलिप्ता दिख रही है
पड़ोसी जिले से नहीं ले रहा है मुंगेली का स्वास्थ्य सीख
छत्तीसगढ़ के अन्य कई जिलों में झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा इलाज करने पर मौत हो गई है जिस पर लगातार बिलासपुर बेमेतरा कवर्धा कई जिले में लगातार कार्यवाही किया गया जिससे मुंगेली को सीख लेना
मुंगेली सहित पुरे जिले का झोलाछाप डाक्टरों का पिटारा जल्द ही हमारे अगले खबर पर
अवैध लैब का किया जा राहा संचालन
मुंगेली सहित पुरे जिले में कितने वैध/अवैध लैब है जल्द ही सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हमारे अगले खबर पर प्रमुखता के साथ बने रहिए हमारे साथ
पथरिया व नगर पंचायत सरगांव एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अपंजीकृत झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन कर मरीजों का उपचार कर उनके जान से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं बिना अनुमति के भारी मात्रा में क्लीनिक के अंदर अंग्रेजी दवाइयां ड्रिप एवं अन्य प्रतिबंधित सामग्री का स्टॉक रखा जा रहा है। ज्ञात हो कि झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से इन दिनों कई मरीजों की मौत की खबरे लगातार सुनाई दे रही है।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता : मौत की खबर के बावजूद भी इनके द्वारा स्वास्थ विभाग के जिला एवं ब्लॉक के उदासीन अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने का फायदा उठाकर खुलेआम अवैध क्लिनिक संचालित कर मरीजों को अंग्रेजी दवाई ऊंचे दाम में दी जाती है। उससे मोटी रकम की कमाई की जा रही है।
शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं करते कार्यवाही: अपंजीकृत झोलाछाप डॉक्टर एवं अवैध रूप से संचालित क्लीनिक के खिलाफ कार्यवाही हेतु जागरूक लोगों के द्वारा लगातार स्वास्थ विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत किया जाता है। इसके बावजूद भी इन डॉक्टरों एवं क्लीनिक पर कार्यवाही नहीं की जाती। इससे डाक्टरों के हौसले बुलंद है। उनके द्वारा खुलेआम अवैध रूप से क्लिनिक संचालित कर प्रतिबंधित दवाइयां मरीजों को दी जा रही है। इससे मरीजों की तबियत और बिगड़ती जा रही है।
ग्रामीणों ने लगाया आरोप:
आप पंजीकृत झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा लगातार इलाज के नाम पर पैसे की कमाई की जा रही है। और जब इन पर कार्रवाई के लिए किसी बड़े अधिकारी को फोन या लिखित में शिकायत किया जाता है तो उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाता और कार्रवाई की भी जाती है तो सिर्फ खाना पूर्ति होती है ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सभी झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा मोटी रकम एकत्र कर बड़े अधिकारियों को खिला दिया जाता है इसी वजह से तो इनका क्लीनिक फल फूल रहा है।कार्यवाही नही, होती है खानापूर्ति: जब कभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच हेतु किसी क्लिनिक या कथा कथित गांव के अस्पताल पहुंचते हैं तो उनके द्वारा कार्यवाही की जगह पर खाना पूर्ति किया जाता है क्योंकि डॉक्टर की टीम क्लीनिक पहुंचती तो है पर वहां पर कोई शिकायत करता या ग्रामीण उपस्थित नहीं रहता जिनके सामने जांच रिपोर्ट बनाकर पंचनामा करवाया जाए बस आते हैं और चाय नाश्ता करके चले जाते हैं ऐसा ग्रामीणों का आरोप है।
अब देखने वाली बात होगी कि क्षेत्र में चल रहे अवैध क्लीनिक के ऊपर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है या फिर यूं ही फलते-फूलते रहेंगे ये क्लीनिक।
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी या फिर किसी का मौत का इंतजार है इन स्वास्थ्य विभागों का