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फागुन 2025: होली के रंग, उमंग और परंपराओं की खुशबू —-डॉ मंजू भट्ट


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फागुन का महीना आते ही हर ओर रंगों की छटा बिखरने लगती है। हवा में गुलाल की महक, ढोल-मंजीरों की गूंज और मिठाइयों की मिठास होली के आगमन का संकेत देती है। 2025 की होली न केवल रंगों और उत्साह से भरपूर होगी, बल्कि यह हमारी परंपराओं, रीति-रिवाजों और सामाजिक सौहार्द्र को और अधिक गहरा करेगी।

होली के रंग और बदलता समय

समय के साथ होली के रंग भी बदले हैं। पहले जहां पक्के रंगों का चलन था, वहीं अब प्राकृतिक गुलाल और फूलों की होली का प्रचलन बढ़ा है। इस साल फागुन की होली पारंपरिक रंगों के साथ-साथ पर्यावरण-संवेदनशीलता का भी संदेश दे रही है। बड़े शहरों में लोग अब केमिकल रंगों की जगह ऑर्गेनिक रंगों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

संस्कृति और परंपराओं का संगम

होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि यह संस्कृति, प्रेम और भाईचारे का भी प्रतीक है। मथुरा-वृंदावन में राधा-कृष्ण की लठमार होली, काशी की भांग वाली होली, पंजाब की होला-मोहल्ला, राजस्थान की ब्रज होली और शांति निकेतन की बासंती होली – हर क्षेत्र में होली का एक अलग रूप देखने को मिलता है।

2025 की होली: डिजिटल और ग्लोबल कनेक्शन

अब होली केवल भारत तक सीमित नहीं रही। सोशल मीडिया और डिजिटल कनेक्टिविटी ने इसे एक वैश्विक उत्सव बना दिया है। वीडियो कॉल पर अब परिवारों के लोग एक-दूसरे को रंग-बिरंगे शुभकामना संदेश भेज रहे हैं, वर्चुअल होली पार्टियों का आयोजन हो रहा है और डिजिटल माध्यमों से लोकगीतों और पारंपरिक होली रस्मों का सीधा प्रसारण किया जा रहा है।

फागुन की बयार और लोकगीतों की मिठास

फागुन के महीने में जब आम के पेड़ों पर मंजर लगते हैं और खेतों में सरसों की सुनहरी चादर बिछती है, तब लोकगीतों की मिठास और बढ़ जाती है। “होली खेले रघुवीरा अवध में”, “फागुन आयो रे” जैसे गीत माहौल को और रंगीन बना देते हैं

होली 2025: एक नई शुरुआत का संदेश

इस बार की होली केवल उमंग और उत्साह का त्योहार नहीं, बल्कि यह हमें सौहार्द्र, समरसता और सकारात्मकता का संदेश भी दे रही है। जात-पात, ऊँच-नीच, भेदभाव से परे यह पर्व हमें जोड़ने का काम करता है। इस साल की होली नए संकल्पों और नई ऊर्जा के साथ हमें एक नई दिशा देने का संदेश लेकर आई है।

तो आइए, फागुन की मस्ती, गुलाल के रंग और ढोल-नगाड़ों की धुन के साथ 2025 की होली को प्रेम, आनंद और भाईचारे के रंगों से सराबोर करें!