सावन के तीसरे सोमवार के दिन शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिरों में पहुंच रहे हैं। खासतौर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तो रविवार रात से ही भक्तों की कई किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुई हैं। रविवार शाम को भगवान की संध्या आरती से ही भक्त पहुंचना शुरू हो गए थे। जो अब तक जारी है। आज तड़के भगवान महाकालेश्वर का पूरे विधि-विधान से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद पंडे-पुजारियों ने भगवान महाकाल की भस्मारती की।
सावन में शिव भक्ति का विशेष महत्व है। ऐसे में सुबह से ही हजारों श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। सावन का तीसरा सोमवार होने के चलते रात ढाई बजे ही महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के पट खोल दिए गए थे। जिसके बाद श्रद्धालुओं ने महाकाल को जल चढ़ाया। पंडे-पुजारियों ने दूध, दही, पंचामृत, घी, शहर और फलों के रस से महाकाल का अभिषेक किया। भगवान महाकालेश्वर का नागचंद्रेश्वर रूप में श्रृंगार किया गया। जिसके बाद पुजारियों ने विधि-विधान से महाकालेश्वर की भस्म आरती की। इस दौरान पूरा मंदिर भोले की भक्ति में डूब गया। इसके बाद भक्तों के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। जो देर रात तक जारी रहेगा।
नागपंचमी के चलते सोमवार को मंदिर में भारी भीड़ उमड़ी हुई है। देश के कोने-कोने से भक्त न सिर्फ भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे हैं, बल्कि साल में एक बार नागपंचमी के दिन खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन को लेकर भी भक्तों में जबरदस्त उत्साह है। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रविवार रात से ही दर्शन के लिए महाकाल मंदिर के बाहर कई किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी।