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Diwali 2022 : शुभ दीपावली आज, राजयोग में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, जानें पूजा विधि, मंत्र और महत्व




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Diwali 2022 Laxhmi Pujan Vidhi Shubh Muhurat Mantra In Hindi: आज दीपोत्सव का महापर्व दिवाली मनाई जा रही है। 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और पांचवें दिन गोवर्धन पूजा होती है। दिवाली पर कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ विध्नहर्ता भगवान गणेश,देवी सरस्वती और कुबेर देवता की पूजा होती है। 

दिवाली पर धन प्राप्ति के उपाय

दिवाली पर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाए करते हैं। इन उपायों में सबसे कारगर उपाय कौड़ी के की जाती है। दिवाली के दिन कौड़ियों के उपाय बहुत लाभकारी माने जाते हैं।

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त पाठ करना शुभ

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।

अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।
आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।

उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।

गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।

कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

 तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।
य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।
।। इति समाप्ति ।।

दिवाली लक्ष्मी माता की आरती बिना अधूरी… ॐ जय लक्ष्मी माता… मैया जय लक्ष्मी माता

मां लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

उमा रमा ब्रह्माणी तुम ही जगमाता मैया तुम ही जगमाता
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी सुख सम्पत्ति दाता मैया सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभदाता मैया तुम ही शुभदाता
कर्मप्रभाव प्रकाशिनी भवनिधि की त्राता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहती सब सद्गुण आता मैया सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता मन नहीं घबराता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते वस्त्र न कोई पाता मैया वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव सब तुमसे आता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

शुभ गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता
मैया सुन्दर क्षीरोदधि जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मीजी की आरती जो कोई नर गाता
मैया जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता पाप उतर जाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
।।ॐ जय लक्ष्मी माता।।
।। मैया जय लक्ष्मी माता।।

दिवाली पर मां लक्ष्मी संग भगवान गणेश की पूजा क्यों?

आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। शाम को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। लेकिन सभी के मन में यह ख्याल जरूर आता है जब हमेशा माता लक्ष्मी की पूजा पति श्री विष्णु के साथ होती है तो दिवाली पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी पूजा करने के बजाय भगवान गणेश के साथ क्यों की जाती है। 

लक्ष्मी जी के 8 अवतार और 8 रूप कौन-कौन से हैं।

  • महालक्ष्मी- जो वैकुंठलोक में वास करें
  • स्वर्गलक्ष्मी- जो स्वर्गलोक में वास करें
  • दक्षिणालक्ष्मी- जो यज्ञ में वास करें
  • गृहलक्ष्मी- जो गृह में वास करें
  • शोभालक्ष्मी- जो हर वस्तु में वास करें
  • रुक्मणी – जो गोलोक में वास करें
  • राधालक्ष्मी- जो गोलोक में वास करें
  • राजलक्ष्मी- जो पाताललोक में वास करें
  • धनलक्ष्मी
  • धान्यलक्ष्मी
  • आदिलक्ष्मी
  • गजलक्ष्मी
  • संतानलक्ष्मी
  • वीरलक्ष्मी
  • विजयलक्ष्मी
  •  विद्यालक्ष्मी

मां लक्ष्मी इन लोगों के घरों में कभी भी नहीं ठहरती हैं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर धरती पर आती हैं और वहां रहने वाले सभी भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। दिवाली की रात मां लक्ष्मी घर-घर जाती हैं, लेकिन वह उन घरों में कभी भी निवास नहीं करती हैं जहां पर इस तरह काम होते हैं। माता लक्ष्मी ऐसे घरों में कभी वास नहीं करती हैं… 

. जहां गंदगी और सामान बिखरा हुआ हो
. जहां स्त्रियों का अनादर हो
. जहां प्रतिदिन पूजा न होती हो
. जहां वास्तुदोष हो

इन घरों में होता है मां लक्ष्मी का सदैव वास…

मां लक्ष्मी करें आज आपके घर निवास फिर जरूर करें अपने जीवन में ये काम।
. जहां साफ-सफाई हो
. जहां प्रतिदिन पूजा-पाठ हो
. जहां महिलाओं का सम्मान हो
. जहां भगवान विष्णु,श्रीयंत्र और श्री सूक्त का पाठ हो

मां लक्ष्मी के प्रिय भोग

आज दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी और भगवान गणपति की पूजा विधि-विधान के साथ की जाएगी। लक्ष्मी जी के प्रसन्न होने पर व्यक्ति धनी,समृद्धिशाली और संपन्न हो जाता है। आज दिवाली की शाम को प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान भोग में इन चीजों का जरूर अर्पित करें।

. मखाना
. सिंघाड़ा
. बताशा
. गन्ना
. खीर
. हलवा
. अनार
. पान
. केसर
. सफेद -पीली मिठाई

दिवाली पर मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न 

 दिवाली की शाम को लक्ष्मी पूजा में इन चीजों को करें शामिल…
. शंख
. कमल का फूल
. गोमती चक्र
. धनिया के दाने
. कच्चा सिंघाड़ा
. मोती
. कमलगट्टे का माला

दिवाली पूजन में इन मंत्रों का जरूर करें जाप

हिंदू धर्म में किसी पूजा-पाठ,व्रत और त्योहार में भगवान को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान के साथ पूजा करना जरूरी होता है। शास्त्रों में हर एक देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप करना होता है नहीं तो पूजा अधूरी मानी जाती है। दिवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों को जरूर करें जाप।

लक्ष्मी पूजन मंत्र 
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ 
. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

आज शुभ दीपावली और कल साल का आखिरी सूर्यग्रहण…

दिवाली के बाद लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण। ग्रहण कब से शुरू होगा और कब तक चलेगा, भारत में ग्रहण देखा जा सकेगा या नहीं, सूतक काल कब से होगा प्रभावी, ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें यहां पढ़ें इसे जुड़ी सभी जानकारियां…

आज शाम लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की सारी जानकारी

Diwali 2022 Laxmi Puja Shubh Muhurat: आज प्रभु राम के 14 वर्षों के वनवास पूरा होने और लंका पर विजय हासिल करने के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में देश में पूरे उत्साह के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा होती है। आज कार्तिक अमावस्या पर चित्रा नक्षत्र, विष्कुंभ योग और स्थिर वृषभ लग्न में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता और अपने कुल देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे के बाद शुरू हो जाएगा। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा हमेशा प्रदोष काल और स्थिर लग्न में करना शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी की पूजा से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद मिलता है जिससे उनके जीवन में कभी भी धन-दौलत और ऐशोआराम की कमी नहीं होती है।

यहां देखें आज दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के सभी मुहूर्त 
कार्तिक अमावस्या तिथि आरंभ: 24 अक्टूबर, 2022 को शाम 05 बजकर 29 मिनट से।
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर।

अमावस्या निशिता काल:  11 बजकर 39 से 00:31 तक।

कार्तिक अमावस्या सिंह लग्न का समय:  रात 01:26 से 03:44 बजे।

अभिजीत मुहूर्त का समय: सुबह 11:19 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक है।

विजय मुहूर्त आरंभ: 24 अक्टूबर को 01:36 से 02:21 तक।

दिवाली 2022: लक्ष्मी पूजा का समय और मुहूर्त

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: 18:54 से 20:16 मिनट तक

पूजा अवधि: 1 घंटा 21 मिनट

प्रदोष काल: 17:43 से 20:16 मिनट तक
वृषभ काल: 18:54 से 20:50 मिनट तक

दिवाली 2022 महानिशिता काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: 23:40 से 24:31 मिनट तक 

पूजा अवधि: 0 घंटे 50 मिनट

महानिशीथ काल: 23:40  से 24:31 मिनट तक
सिंह काल: 25:26:25 से 27:44:05 तक

दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
संध्या मुहूर्त (अमृत, चर): 17:29 से 19:18 मिनट तक 
रात्रि मुहूर्त (लाभ): 22:29 से 24:05 मिन तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत,चल): 25:41:06 से 30:27:51

दिवाली पर झाड़ू का महत्व 

दिवाली साफ-सफाई, सुंदरता और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना का त्योहार होता है। दिवाली पर घर में स्वच्छता और घी के दीये जलाने पर सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। साफ़-सुथरे घर में मां लक्ष्मी का निवास होता है। यही कारण है कि दिवाली व अन्य त्योहारों पर हम अपने घरों की विशेष साफ़-सफाई करते हैं जिससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो। वास्तुशास्त्र में झाड़ू को लक्ष्मीजी का प्रतीक माना गया है। इसलिए यदि झाड़ू को ठीक ढंग से न रखा जाए तो इसका दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।

दिवाली के उपाय

घर में धनतेरस से लेकर भाईदूज तक शुद्ध देसी घी का दीपक सुबह-शाम घर के पूजा स्थल और तुलसीजी के पास अवश्य जलाना चाहिए। दीपावली की रात को पूजन के उपरांत रातभर लक्ष्मी-गणेश के आगे घी, तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाए रखना चाहिए।

दिवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय…

दिवाली पर सभी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूजा-अर्चना और अपने घरों को विशेष रूप से सजाते हैं। देवी लक्ष्मी की कृपा पूरे साल बनी रहे इसके लिए दीपावली के दिन कुछ उपाय किए जाते हैं…

  • दिवाली की रात को पांच सुपारी,पांच हल्दी की गाँठ,पांच पीली कौड़ी एवं पांच गोमती चक्र को लेकर उनको लाल कपडे में बांधकर घर या व्यापर स्थल की चौखट पर बांधने से आर्थिक समस्याएं दूर होने लगती हैं।

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